वह पुराने फोटो एल्बम अब कहाँ रखे हैं ? | Woh Puraane Photo Album Ab Kahaan Rakhe Hain ?
क्या आपके घर की किसी संदूक में पुराने फोटो एल्बम पड़े हुए हैं ? ज़रूर होंगे, यदि आपके घर में एक छोटा एल्बम है तो साथ में एक बडा वाला एल्बम भी होगा.
क्या आप बता पाएंगे की आपने आखिरी बार फोटो एल्बम को कब देखा था ? शायद आपको याद भी न हो, क्योंकि अब हमारे हाथो में वो पुराने एल्बम नहीं बल्कि मोबाइल फ़ोन की हज़ारो फोटो की गैलरी आ गयी है।
पुराने फोटो एल्बम केवल चित्रों का संग्रह नहीं थे; वे अतीत में झाँकने की एक खिड़की थे। वे यादों और भावनाओं का एक खजाना हैं, जो हमें उन लोगों, स्थानों और घटनाओं की याद दिलाते हैं जिन्होंने हमारे जीवन को में गहरी छाप छोड़ दी है। पुराने फोटो एलबम का एक सबसे आकर्षक पहलु ये भी हैं की उन पुराने कागज़ के पन्नों को देखते हुए, हम देख पाते हैं कि पूजने लोग कैसे कपड़े पहनते थे, उस समय के घर कैसे दिखते थे, पुराने लोग अपना खाली समय कैसे बिताते थे। हम यह भी देख सकते हैं कि तकनीक में कितना बदलाव आया है,उस दौर में इस्तेमाल किए गए कैमरे वाकई में उस ज़माने की सादगी भरी फोटो लेने में कितने सक्षम होते थे।
क्या आपको याद है की जब पहले आपके घर कोई मेहमान कुछ दिनों के लिए रहने आते थे या फिर आप ही किसी के घर रहने जाते थे, तो किसी न किसी दिन शाम को एक साथ पुरे परिवार के साथ बैठ के फोटो एलबम्स देखे जाते थे। एक एक फोटो को कितना ध्यान से देखते थे हम उन दिनों ! जिन फोटो को हमें और ध्यान से देखना होता था उनको एल्बम से निकाल कर देखते थे और फिर वापस लगा देते थे। एक एक फोटो को घर का हर एक सदस्य बारी बारी देखता था और दिल की तसल्ली होने के बाद ही एल्बम में वापस लगाता था। हम यह भी कह सकते हैं की उन दिनों फोटो एलबम्स देखना किसी 'इवेंट' से कम नहीं हुआ करता था। ज़रा याद कीजिये आपने इस तरह से सबके साथ बैठ कर फोटो एलबम्स को आखिरी बार कब देखा था ?
पुराने फोटो एलबम हमें उन लोगों की भी याद दिलाते हैं जिन्हें अब हमने खो दिया है। यदि आप पुराने एल्बम देखेंगे तो शायद आप पाएंगे की, तस्वीरों में मौजूद कुछ बुज़ुर्ग लोग अब हमारे बीच नहीं हैं, और अब बस ये पुराने फोटो एल्बम ही एक मात्र वो जरिया है जो उनकी यादों को जीवित रखे हुए है।
इसके अलावा यदि हम अपने पुराने फोटो एल्बम देखें तो हमें पुरानी शादियों के ब्लैक एंड वाइट फोटो भी मिल जाते हैं, उस समय की पुरानी मोटर साइकिल और मोटर साइकिल पर स्टाइल से चश्मा लगाए हुए लोगो के फोटो हमको हंसा भी सकते हैं। कुछ पुराने फोटो हमें हमारे बचपन, हमारे परिवार और हमारे जीवन के अनुभवों की कहानी भी याद दिलाते हैं। दरअसल एक पुराने फोटो एल्बम के माध्यम से जाना आत्म-खोज की यात्रा हो सकती है, जिससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि हम कौन हैं और हम कहाँ से आए हैं, हमारी जड़ें कहाँ हैं।
हमारे पुराने कच्चे घर की एक दीवार पर बहुत सारे फोटो टंगे थे जो मैंने करीब २० साल पहले आखिरी बार देखे थे।उसके बाद जब नया घर बन गया तो वो पुराने फोटो कभी मिले ही नहीं, शायद जल्दी की उन्हें ढूंढ़ने का प्रयास कर पाऊँ। एक आध फोटो हमारे परदादा परदादी के थे , कुछ एक फोटो पिताजी और चाचा के थे। कुछ ब्लैक एंड वाइट फोटो किसी रिश्तेदार की शादी के थे जिसमें ५ लोग एक खटिया पर अपने अपने कन्धों पर गमछा रखे बैठे हुए थे । सच कहूँ तो आज हमारे पास चाहे जितने मेगा पिक्सेल का कैमरा आ जाये परन्तु अब भी हमारी उन पुरानी फोटोज का मुकाबला कोई नहीं कर सकता। इसका एक बहुत महत्त्वपूर्ण कारण है - पहले के ज़माने में कुछ एक आध लोगो के ही पास कैमरा हुआ करता था, और उन कैमरों में आज की तरह अनगिनत फोटो नहीं खींच सकते थे। अब क्यूंकि कैमरा और कमरे की रील दोनों की दुर्लभ हुआ करती थी तो उनसे केवल बहुत ख़ास पलों के फोटो लिए जाते थे न की आज की तरह - एक ही पोज़ के 15-20 फोटो।
हालांकि, ये एक बहुत दुखद बात है की पुराने फोटो एलबम समय की मार से अछूते नहीं हैं। हम सभी के घरों के पुराने एल्बम की तस्वीरें समय के साथ फीकी पड़ रही हैं और क्षतिग्रस्त हो रही हैं, यहां तक की हमारे पुराने एल्बम अब घरों में ही कहीं खो गए हैं। इसलिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए उन्हें संरक्षित करने के लिए कदम उठाना बहुत महत्वपूर्ण है। काम से काम हम एक बार कभी समय निकाल कर उन पुराने फोटो को स्कैन करवा कर डिजिटल रूम में परिवर्तित करने का प्रयास कर सकते हैं, या कुछ नहीं तो काम से काम उन पुराने फोटो के फोटो तो हम अपने आधुनिक फ़ोन से खींच ही सकते हैं। वरना हमें तो कम से कम ये हमारे पुराने फोटो एल्बम याद तो हैं , हमारी अगली पीढ़ी को तो कुछ पता ही नही होगा।
समय की मार खा रहे उन पुराने अलबमों को संरक्षित करके, हमें यह सुनिश्चित करना ही होगा कि उनकी कहानियां आने वाली पीढ़ियों को बताई जा सकें।
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